सरल जैन – बुंदेलखंडी रामायण रचयिता – अध्यात्मरत्न व्याख्यान

ब्र. कस्तूरचन्द नायक

प्रकाशक- सिं० रतनचन्द जैन , जवाहरगंज, जबलपुर ।

हमारे बारे में

– शिष्य ब्र. कस्तूरचन्द्र नायक

सादर – समर्पण

जिस – महापुरुष ने सत्य की खोज, सतत् -साधना, सार्वजनीन – सेवा तथा बहुमुखी – विद्वत्ता द्वारा अज्ञान तिमिरान्धजीवों के ज्ञान लोचन उन्मीलितकर, लोकोत्तर उपकार किया है- तथा जिनकी सहज वाणी ने सर्व-साधारणोपयोगी अनुपम रामायण रचने की प्रेरणा की थी, उनही— गुरुदेव श्री १०५ क्षुल्लक गणेशप्रसादजी वर्णी के कर-कमलों में अपनी इस सामान्य रचना को सादर समर्पित करने में, अपना सौभाग्य समझता हूं ।

उपरोक्त गुरुदेव का चिर-ऋणी

– शिष्य ब्र. कस्तूरचन्द्र नायक

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Bundelkhandi Saral Jain Ramayan

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